tag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post1386851458396628043..comments2024-03-26T12:45:34.719+05:30Comments on मैनें आहुति बनकर देखा..: 7 महीने 16 दिन बाद…कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)http://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-71480527829734941912009-10-05T06:49:06.089+05:302009-10-05T06:49:06.089+05:30अरे बच्चा ! दो शनीचर निकल गये और दो ही इतवार। कहां...अरे बच्चा ! दो शनीचर निकल गये और दो ही इतवार। कहां फ़ंस गये यार!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-50728817010259649142009-10-02T12:31:39.895+05:302009-10-02T12:31:39.895+05:30अमाँ कई शनिचर अतवार बीत चुके हैं। फिर सोय गए का ?अमाँ कई शनिचर अतवार बीत चुके हैं। फिर सोय गए का ?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-89547727336893107472009-09-22T00:11:58.211+05:302009-09-22T00:11:58.211+05:30"पाँचवी श्रेणी के ब्लॉगर वे थे जिनके बारे में..."पाँचवी श्रेणी के ब्लॉगर वे थे जिनके बारे में कहा गया था कि ये चार दिन की चाँदनी की तरह हैं। मैं भी उसी श्रेणी में गिना जाने लगा होऊँगा, ऐसी उम्मीद है।"<br /><br />वापस आ जाओ. लिखना शुरू कर दो. रोज की चांदनी बन जाओ, यह मेरी कामना है.<br /><br />सस्नेह -- शास्त्री<br /><br />हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है<br />http://www.Sarathi.infoShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-7064549167347885752009-09-21T14:15:58.000+05:302009-09-21T14:15:58.000+05:30बहुत अच्छा लिखते हो भाई .बधाई!!बहुत अच्छा लिखते हो भाई .बधाई!!Prem Farukhabadihttps://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-36295330475078768542009-09-18T20:36:29.229+05:302009-09-18T20:36:29.229+05:30लिखो यार ओर बिंदास लिखो बिना ये सोचे के लोग क्या क...लिखो यार ओर बिंदास लिखो बिना ये सोचे के लोग क्या कहेगे .बस जो मन में आता है वो लिखो ..तुम्हे कब से ढूंढ रहा थाडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-38333241374301675302009-09-14T16:51:01.059+05:302009-09-14T16:51:01.059+05:30दुबारा स्वागत है ...मुझे पता नही था आप रचना जी के ...दुबारा स्वागत है ...मुझे पता नही था आप रचना जी के भाई हैं.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-63044705776201446042009-09-14T12:48:20.390+05:302009-09-14T12:48:20.390+05:30चलो भाई, आखिर आये तो सही.. अभी अभी तुम्हारे ब्लौग ...चलो भाई, आखिर आये तो सही.. अभी अभी तुम्हारे ब्लौग का फ़ीड डेखा और सच्ची में मजा आ गया.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-59556185009625666042009-09-13T13:28:39.185+05:302009-09-13T13:28:39.185+05:30पधारो, पधारो सा! स्वागत!पधारो, पधारो सा! स्वागत!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-44906206704162435132009-09-13T13:26:10.676+05:302009-09-13T13:26:10.676+05:30मैनें आहुति बनकर देखा. yeh blog title aapne ...मैनें आहुति बनकर देखा. yeh blog title aapne bahut hi achcha rakha........<br /><br />aapki lekhni se prabhaavit hoon........डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-38744941220415686372009-09-13T13:01:54.027+05:302009-09-13T13:01:54.027+05:30शनिवार और रविवार को ही सही आते रहियेगा !
गिरिजेश ...शनिवार और रविवार को ही सही आते रहियेगा ! <br />गिरिजेश जी की सिफारिश है तो फिर समाज को आपसे कुछ मिलना ही चाहिए !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-42890139574077448052009-09-13T04:19:52.042+05:302009-09-13T04:19:52.042+05:30आपकी लेखनी को मेरा नमन स्वीकार करें.आपकी लेखनी को मेरा नमन स्वीकार करें.संजय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/12255878761091728878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-44886333200452090202009-09-12T23:53:17.277+05:302009-09-12T23:53:17.277+05:30आते जाते रहना चाहिये कभी कभी अच्छा लगता है, अब सब ...आते जाते रहना चाहिये कभी कभी अच्छा लगता है, अब सब ने तो मेरे दिल की बात कह दी, अब हम तो आप को इस सुंदर लेख के लिये धन्यवाद ही कह सकते है.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-29630056996451338742009-09-12T23:31:23.238+05:302009-09-12T23:31:23.238+05:30आओ दोस्त ! कभी-कभार ही सही.
अब सिद्धार्थजी कह रह...आओ दोस्त ! कभी-कभार ही सही. <br /><br />अब सिद्धार्थजी कह रहे हैं तो कैरियर पे भी ध्यान देना भाई. चौथा साल कमबख्त बड़ा अजीब होता है. संभल के :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-62846784249186002062009-09-12T22:32:20.759+05:302009-09-12T22:32:20.759+05:30तो अब मन मचलने लगा है...?
तरुणाई से जवान होती इन भ...तो अब मन मचलने लगा है...?<br />तरुणाई से जवान होती इन भावनाओं को और हवा दे दे यार...। सत्यार्थमित्र का फीका रंग फिर से बहाल हो जाएगा... <br /><br />टूटी-फूटी ‘ब्लॉग’ भर अलग बना है, लेकिन हम मुसल्सल साथ-साथ हैं। कुछ भी जुदा नहीं हुआ है।<br /><br />बहुत अच्छा है अगर समय निकाल पा रहे हो। लेकिन पहला काम अभी भी कॅरियर सवाँरना ही होना चाहिए।<br /><br />अनन्त शुभकामनाएं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-3696266489609137512009-09-12T21:24:13.598+05:302009-09-12T21:24:13.598+05:30ओह, तो तुम आ ही गये वापस.....कहीं एक एक्सपेरीमेंट ...ओह, तो तुम आ ही गये वापस.....कहीं एक एक्सपेरीमेंट किया था स्कूली दिनों मे। एक कनस्तर के भीतर पौधा रख कनस्तर को लिटा कर उसके एक कोने मे छेद कर दिया था। देखना था कि पौधा कनस्तर में उपर की ओर बढता है कि छेद से आते सूर्य प्रकाश की ओर। <br /> और हमारे देखते ही देखते पौधा कनस्तर में किये छेद से फुनगी निकाल बाहर आ गया। <br /><br />तो मिंया, आपको सात महीने लगे कनस्तर से बाहर आने में :) <br /><br />पोस्ट भी धांसू है।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-57369695973959957622009-09-12T19:26:32.998+05:302009-09-12T19:26:32.998+05:30बहुत ही अच्छे.. आपकी प्रतिज्ञा सफल हो, इसी आशा के ...बहुत ही अच्छे.. आपकी प्रतिज्ञा सफल हो, इसी आशा के साथ फिर से ब्लॉग्गिंग शुरू करने पर बधाई...sandeep sharmahttps://www.blogger.com/profile/00396307376371645302noreply@blogger.com