tag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post8669698264345651635..comments2024-03-26T12:45:34.719+05:30Comments on मैनें आहुति बनकर देखा..: क्रोध भारतीय जनमानस का स्थाई भाव है, नपुंसकता राजनेताओं काकार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)http://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-19487898942040911862008-12-02T17:02:00.000+05:302008-12-02T17:02:00.000+05:30आप बहुत अच्छा लिखते है, आक्रोश आपके शब्दों से फूट ...आप बहुत अच्छा लिखते है, आक्रोश आपके शब्दों से फूट कर निकल रहा है. हमारे ब्लॉग में आपके आक्रोश को स्थान देकर गौरव का अनुभव कर रहा हूँ.<BR/>http://wehatepakistan.blogspot.com/We hate Pakistanhttps://www.blogger.com/profile/05591476337807012074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-70507883855664649312008-12-02T12:30:00.001+05:302008-12-02T12:30:00.001+05:30This comment has been removed by the author.Siddhartha Mishrahttps://www.blogger.com/profile/12393748987027150853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-40342793547313121122008-12-02T12:30:00.000+05:302008-12-02T12:30:00.000+05:30सवाल ये नही हैं की ये नेता कौन है, सवाल ये है कि इ...सवाल ये नही हैं की ये नेता कौन है, सवाल ये है कि इसे हमने चुना है. सवाल ये भी नही है कि कौन मरा है, सवाल ये है कि कैसे मरा है. सिस्टम अपनी नाकामी को उनकी शहादत का चोला पहना के चुनावी माहौल को गर्म बनाये रखा है......<BR/>ये होता रहा है....होता रहेगा....नही......जरूर बदलेगा.<BR/><BR/>एक विडंबना सुना रहा हूं आप सभी को;<BR/>दिल्ली मे चुनाव है, और पोलिंग के ३ दिन पहले वाली रात (२६-नवम्बर, वही काली रात), जब मुम्बई पर हमला हुआ और तमाम देश हिल पडा, यहां दिल्ली मे जहां मैं रहता हूं; 8PM और Johny Walker जैसे शराब की बोतलें टहल गयी. थोडा लोगो का मूड टहला और अगले दिन वोटिंग हो गयी. साथ्-ही-साथ मुम्बई पर हमले की चर्चा भी चलती रही. हो गया नये नेता का भविष्य तय. <BR/><BR/>भई हमने ही सब तय करना है.......चुनाव हमारे हाथ में है.<BR/><BR/>सिद्धार्थ मिश्रSiddhartha Mishrahttps://www.blogger.com/profile/12393748987027150853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-16524822286228047602008-12-01T13:45:00.000+05:302008-12-01T13:45:00.000+05:30इस क्रोध ओर बैचनी को अपने भीतर जिलाये रखना क्यूंकि...इस क्रोध ओर बैचनी को अपने भीतर जिलाये रखना क्यूंकि अब इसी की जरुरत है .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-86357128375776045452008-11-29T23:04:00.000+05:302008-11-29T23:04:00.000+05:30चिकने घङे पे पानी ज्यों,व्यर्थ हमारे शब्द.नेताजी क...चिकने घङे पे पानी ज्यों,व्यर्थ हमारे शब्द.<BR/>नेताजी के सूट का, क्या कर लेंगे शब्द.<BR/>क्या कर लेंगे शब्द, मन्त्र-शक्ति भी खोई.<BR/>शासन-प्रशासन दुष्ट-तन्त्र में भक्ति भी खोई.<BR/>कह साधक भारत की मुश्किल दोनो तरफ़ से.<BR/>व्यर्थ हमारे शब्द,ज्यों पानी चिकने घङे पे.Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak "https://www.blogger.com/profile/07864795175623338258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-37711570429238400932008-11-29T20:02:00.000+05:302008-11-29T20:02:00.000+05:30आज सुबह-सुबह ही किसी ब्लौग पर कमेन्ट करते हुए मैंन...आज सुबह-सुबह ही किसी ब्लौग पर कमेन्ट करते हुए मैंने वो भाषा का प्रयोग किया था जिसे मैंने अपने अभी तक के जीवन में शायद ही कभी किया हो.. यहाँ तक कि इंजीनियरिंग कालेज में कई साल गुजरने के बाद भी.. अब अभिषेक जी भी उसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं.. सच्ची बात तो यह है कि ये साले राजनेता उस भाषा के भी लायक नहीं हैं..<BR/>अरे सबसे पहले तो इन्हें एक लाइन में खडा करके उडाना चाहिए.. अधिकतर समस्या ऐसे ही ख़त्म हो जायेगी..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3438070479130677781.post-50706769301179318372008-11-29T19:36:00.000+05:302008-11-29T19:36:00.000+05:30आक्रोश बना रहे भाई... इसकी बहुत जरुरत है. शांत हो ...आक्रोश बना रहे भाई... इसकी बहुत जरुरत है. शांत हो जाता है यही तो बुराई है. <BR/><BR/>इस गृह मंत्री को तो पिछले ३ दिनों में जितना गरियाया है... लगता है जीवन में उतनी गालियाँ नहीं दी होगी. अभी कहीं पढ़ा था... '3G of Manmohan Singh': SoniaJi, RahulJi, PriyankaJi.<BR/><BR/>जो 'वैसे' राष्ट्रपति की जगह 'ऐसे' राष्ट्रपति को बनाने के लिए राजनीती कर सकते हैं, वो कुछ भी कर सकते हैं ! उन्हें देश की क्या पड़ी है... अभी जो कुछ होगा भी बस इसलिए क्योंकि चुनाव है. उससे ज्यादा ये माध* ** सोचते कहाँ हैं.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.com